विशिष्ट पोस्ट

एक और षडयन्त्र

अनंत_वासुदेव_मंदिर भूवनेश्वर कि सर्वप्रथम पुरातन विष्णु मंदिर है ।पुरातन काल मे भूवनेश्वर को शैव क्षेत्र के रुप मे जानाजाता था यहाँ कई प...

सोमवार, 5 सितंबर 2016

अंग्रेजोँ के नमक कानुन के खिलाफ प्रथम प्रतिवाद सभा -1888

शायद ज्यादातर भारतीयोँ को ये ज्ञात न हो !
गांधीजी के नमक सत्याग्रह आंदोलन व दाण्डियात्रा से 42 साल पहले
1888 मे नमक टैक्स के खिलाफ
सर्व प्रथम प्रतिवाद सभा
Odisha के कटक स मे आयोजित हुआ था ।

बात 1888 कि है
उस साल अंग्रेजोँ ने एक विवादास्पद कानुन बनाया
जिससे पूर्वभारत के लोग
समंदर से नमक नहीँ बना सकते थे ।
इस कानुनके तहत कोलकता से निमक माहल यानी नमक बनाने के अधिकार छिनकै मद्राज को दे दिया गया !
मद्राज मे अंग्रेजोँ ने नमक के कारखाने लगाये थे
इसलिये वे चाहते थे लोग उनका नमक इस्तेमाल करेँ ।
अब अविभक्त बालेश्वर जिला मे उनदिनोँ 90 प्रतिशत लोग नमक व्यवसाय से जुड़े हुए थे ....इस कानुन से उनका रोजी रोटी छिन गया


इस विषय पर उन्हीदिनो
कटक प्रिँटिगं प्रेस मे
मधुसुदन दास ने रामशंकर राय
को कहा तुम एक सभा का आयोजन करो

तब रामशंकर वोले

सभा कि तैयारी तो हो जाएगी
लेकिन अब ये तो आम आदमीओँ कि सभा होगी
और आप तो अंग्रेजी मे ही अबतक भाषण देते आए है
क्या यहाँ भी ?

मधुबाबु कुछ क्षणोँतक हँसते रहे

और फिर सभावाले दिन
वे ओड़िआ मे पहलीबार
जन सैलाव को संवोधित कर रहे थे...

मधु ने जैसे ही कहा
धनी असल मे गरीब होते है
और गरीब ही अमीर

तालीओँ के गड़गड़ाहट से गगन पवन प्रतिध्वनित हो गया ।

इस प्रतिवाद सभा के बारे मे डा. वि .पट्टाभि सीतारामाया
Histroy of the congress vol-i page 82
मे लिखते है
....
knowing as we do the genesis of the tax and the
recommendations made by the salt commission of 1836,we can not but feel a surprise that the grouds on which the tax was attacked in 1888 by the congress were not that it was inequitous and meant to assist british
shipping industry and british export trade ,but that it was recently enhanced.....com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें