#ओडिआभाषी #फेसबुकिये पिछले 2 साल से दिन प्रतिदिन बढ रहे है ।
अब रोज हजारों पोस्ट ओडिआमें भी आने लगे है ।
अब होता क्या है किसी ने कोई शब्द लिखदिया तो लोग चले आते है उसे #शब्दज्ञान देने....
ओर एक शब्द के लिए फिर घंटो #चर्चा चलता रहता है...
कहीं कहीं लोगों में आपसी सहमति हो जाते
तो कहीं #शाब्दिक #महाभारत छिड जाते ।
पिछले दिनों एक ओडिआभाषी बन्दे ने एक व्यक्ति पर तिखे #कटाक्ष करदिए...
उसे बुरालगा शायद
लेकिन
उसने कमेंट मे से एक शब्द को #इश्यू बनाया ओर कटाक्ष करनेवाले पर टुट पडा....
वह शब्द था भारि/भारी....
हिन्दी में आमतौर पर वजनदार के लिए #भारी शब्द का प्रयोग होता है ।
लेकिन ओडिआ में #भारी को एक तो #भारि लिखा जाता है वहीं इसे पांच अलग अर्थों में इस्तेमाल भी किया जाता है....
भृ-धातु+कर्त्ता. इ =>भारि
भृ धातु के कई अर्थ होता है
जैसे
#धारणकरना,#वहन करना,#पालन करना आदि
#भयभीत करना के अर्थ में भी इसका इस्तेमाल होता था
भारि का ओडिआ अर्थ इसप्रकार है
1.सिंह【ओडिआ में मूल भारि शब्द (देशज विशेष्य)प्रचलन में जिसका अर्थ #सिंह होता है ,शायद यह आदिवासीओं का शब्द था]
#अत्यधिक, बहुत ही ज्यादा,#दुर्वह यानी #वजनदार,#अत्यावश्यक,#जनपूर्ण,#व्यथायुक्त,
#पीडादायक,#असह्य आदि....
लेकिन ओडिआ में भारी शब्द का अर्थ वजनदार नहीं है....
अगर आपने ऐसा लिखा वह शब्द गलत हो जएगा
आपको #ओडिआ में #भारी शब्द को #भारि लिखना होगा च्यूंकि
#ओडिआभाषा में #भारी का अर्थ #भारिक
यानी भारवहन करनेवाला होता है....
भारतीय भाषा विद्वान इसलिए
ओडिआभाषा कि मौलिकता को मानने में मजबूर हो गये ओर 2014 में odia को भारत का छठा classical language का दर्जा मिला
संस्कृत के बाद यह दुसरा आर्यभाषा है जिसे यह उपलव्धि हासिल हो पाया है.....