#कलिगंराज
अनन्तबर्मा चोडगंग देव ने
1078 से 1147....
सत्तर साल तक आगंगा गोदावरी पर राज किया था ......
उनके पिता
देवेन्द्र बर्मा राजराजदेव
दक्षिणी #कलिगं राज्य के राजा थे जो केशरी राजाओं के उत्कल के पश्चिमी भाग मे था ।
उनकी माता #चोलराज #कुलतुगं राजेन्द्र कि पुत्री तथा पिता #पूर्वगंगवंशी होने के कारण उनका नाम #चोलगंग रखागया था ये नाम आज बदलकर #चोडगंग हुआ है ....... मात्र 2 (1078) वर्ष कि आयु में उनका राज्याभिषेक #कलिगंनगर आधुनिक #मूखलिगंम् सहर में संपन्न हुआ ......
1135 तक यही #कलिगंनगर उनके साम्राज्य कि राजधानी बनी रही ओर उसी साल उन्होने अपना राजधानी #कटकनगर को बनाया ......तबसे 1950 तक #कटक को राजधानी का दर्जा मिलता रहा........
चोडगंग के बारे मे अनेकों जनसृति गढे गये.....
पुरी #श्रीक्षेत्र मे प्रचलित #मादलापांजी
ग्रन्थ मे उनके बारे मे जो कहगया है वह उनकी सम्मान हानी करता है...
कुछ ऐतिहासिकों ने मादला पांजी को 15वीं सदी परवर्त्ती ग्रन्थ माना हे .....
मादलापांजी मे चोडगंग को
#चोरगंग कहागया है
ये भी कि उनकी माता
एक #दक्षिणभारतीय विधवा
व (जारज) पिता #गोकर्ण थे.....
बालक चोडगंग एक दिन अपने संगी साथीओं के साथ #राजामन्त्री खेल रहे थे कि #केशरीराजवंश शासित #उत्कल राज्य सेनापति #वासुदेव_वाहिनीपति ने उन्हें देखा वो चोडगंग से प्रभावित हुए ।
#उत्कल सेनापति उनके गुरू हुए उन्होने चोडगंग को समर्थ योद्धा बनाया ।
इसबीच किसी बातपर #केशरी राजा
से सेनापति बासुदेव वाहिनीपति का झगडा हो गया .....
वासुदेवजी का दुःख शिष्य चोडगंग से देखा न गया ....उसने तय कर लिया ....उत्कलराज को दंड दैके रहेगा.....
वो यही सोचते हुए एक चुडैल #नितेई #धोवणी से मिला और उससे चोडगंग को चमत्कारी शक्ति प्राप्त हुए ।
इससे वह शक्तिशाली अपराजय उत्कलराज को परास्त करके स्वयं
उत्कल #राजसिंहासन आरोहण पूर्वक शासन करनेलगा ।
यथा संभव
यह जनसृति #सूर्यवंशी राजाओं के राजत्वकाल(15वीं सदी) मे गढागया होगा.....
चोडगंग अनन्तवर्मन के बारे में 2 जनसृति और है....
उनके बारे में तेलुगु जनसृति
अगले पोस्ट में.......