शिल्पशास्त्रोँ के हिसाब से पुराने जमाने मेँ वंदरगाहोँ को 2 प्रकार बताया गया था ।
Pattana और dronimukha !
Pattana समुद्री किनारे स्थित साधारण वंदरगाह को कहाजाता था
जबकी नदी व समंदर के संगमस्थल नजदिक वंदरगाहोँ को Dronimukha कहाजाता था ।
उत्कल मेँ दोनोँ तरह के वंदरगाह पायेजाते थे
Dronimukha वंदरगाह का सबसे बड़ा उदाहरण चित्रोत्पला नदी मेँ कोणार्क/चित्रोत्पला कोणगर Port था जो 800 वर्ष पूर्व प्राची -चित्रोत्पला नदी सुखने के कारण अपना अस्तित्व खो चुका है ।
आज इसी वंदरगाह को लोग चंद्रभागा के नामसे जानते है
जो कोणार्क नजदिक ही है ।
1 AD मेँ लिखे गये ग्रीक क्लासिकाल "The periplus of the erythraean sea"
मेँ कई भारतीय Port का नाम आता है
जैसे #Broach ,#uzane, #sopara, #kalyana, #muziris, #mosalia(Muslipatna), #Dosarene(Coastal odisha) आदि ।
पाश्चात्य परिव्राजक ऐतिहासिक #Ptolemy
2 AD मे भारत आये थे ।
उनके द्वारा लिखेगये भ्रमणग्रंथ
मेँ कई Coastal odisan Port
का नाम पायाजाता है । उनके
भ्रमणग्रथं मे
#Kambyson (Hoogly river),
#Manda/Munde/Mandu
(महानदी व सागर संगम क्षेत्र मेँ स्थित) , #Kannagara (कोणार्क नजदिक), #katikardama (कटक नजदिक), #Palura आदि द्रोणीमुख वंदरगाहोँ का नाम उल्लेख पायागया है ।
Ptolemy ने Palura को पूर्वी भारतीय समुद्र का सबसे बड़ा वंदरगाह बताया है !
प्राचीन #Srilankan पाली ऐतिहासिक ग्रंथ
#Datha_Dhatu_vamsa , #dipavamsa , #chullavamsa
तथा बौध ग्रंथ #Mahagovinda_sutta , #kurudharma_jataka और #Mahavastu के हिसाब से कलिगं का राजधानी Port town #Dantapura हुआ करता था ।
बर्तमान मे कुछ ऐतिहासिक पुरी को दन्तपुर मानते है ।
स्वतंत्रता के बाद प्रत्नतत्व विभाग ने ओड़िशा के कई पुरातन Port को चिन्हित किया
ओड़िशा के उन प्राचीन Ports का नाम इस प्रकार है
#Kalingapatanam , #barua , #sonapur , #matridih , #ganja , #kantiagarh, #palur , #prayagi, #manikpatna , #sanapatna, #badpatna, #arakhkuda, #banjiapatna, #boitkud , #Astaranga , #Harishpur, #Marichpur, #Chandbali, #Narendrapur, #Dhamara, #Chudamani, #balesore, #talchua, #Pipili (Mouth of subarnarekha river), #Shahbandar, #kansabansa, #panchubisa , #chandipur , #kasaphala , #kirtania , #talasari & #Tamluk आदि.... !!!
इनमेँ से एक आद वंदरगाह आज भी कर्मचंचल है ।
वंशधारा नदी मुहाने मेँ Kalingaptnam नामक Port हुआ करता था ये प्राचीन कलिगं का सर्वप्रथम राजधानी भी है ।
ब्रम्हाण्ड पुराण मेँ Chilka lake के बारे मेँ लिखागया है
इसके हिसाब से यहाँ से हजारोँ संख्या मेँ जाहजोँ को आनाजाना लगा रहता था
व्यापारी व्यापार हेतु Java borneo singhala china व अन्य द्वीपोँ मे जाते थे ।
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