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मंगलवार, 18 जुलाई 2017

एक नहीं जगन्नाथपुरी में हर वर्ष होता है चारबार रथयात्रा

#जगन्नाथ संस्कृति मेँ एक नहीँ चार चार #रथयात्रा मनाया जाता है !

1.सौर गुण्डिचा
2.शाक्त गुण्डिचा
3.शैव गुण्डिचा
4.घोष यात्रा/श्रीगुण्डिचायात्रा

==सौर गुण्डिचा==

वसन्त माघ सप्तमी से वसन्त पँचमी तक सूर्यनारायण भगवन जी का रथयात्रा होता है इसे सौर गुण्डिचा कहाजाता हे ।

==शाक्त गुण्डिचा==

आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक दूर्गामाधव भगवनजी का रथयात्रा होता हे, इसे शाक्त गुण्डिचा कहाजाता है ।
==शैव गुण्डिचा==

चैत्र शुक्ल अष्टमी तीथि
से इशानेश्वर महादेवजी का भी रथयात्रा होता है इसे शैव गुण्डिचा कहते है ।

==श्रीगुण्डिचायात्रा==

अंत मेँ श्रीगुण्डिचा यात्रा आषाड़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तीथि  तक 9 दिन के लिये अनुष्ठित होता है ।

इसे घोषयात्रा .दक्षिणाभिमुखी यात्रा,नवदिन यात्रा व आड़प यात्रा के नाम से भी जानाजाता है ।

इसदिन  स्वयं जगन्नाथ भक्तोँ को दर्शन देने हेतु रथमे विराजमान होते है ।  विशाल रथों का निर्माण करते हुए वे स्वयं भ्राताभगन्नी संग श्रीगुंडिचायात्रा करते है इसलिए यह इतना लोकप्रिय हो पाया हे ।

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